काली अंधियारी रात
मुसलाधार बारिश
उफनती हुई यमुना
हे कृष्ण तुम्हारा जन्म
और यशोदा मईया की गोद
देवकी और वसुदेव का रुदन
बलराम कृष्ण और राधा-कृष्ण का प्रेम
कालिया दहन , कंस वध
सब कालचक्र की तरह चला
तुम्हारी मुट्ठी में बंद समय
हाथ में सुदर्शन चक्र
क्या अब के
आतंकवादियों को ख़त्म नहीं कर सकता ?
क्या दिल्ली और काशी को देख
तुम्हारा दिल नहीं दहलता ?
निकालो अपने तुणीर से कोई ऐसा बाण
जो कर सके
आतंकवादियों का काम तमाम
तुम तो होली में व्यस्त हो
होलिका को जलाकर
वंशी की धुन पर
राधा और गोपियों को मोहने में लगे हो
निकालो अपनी पिचकारी से
कोई ऐसे रंग
भेदभाव मिटाकर , कर दे
सबका एक जैसा मन
राग हो न द्वेष हो
रंगों की फुहार हो
गुलाल की बहार हो
सबके मन मैं कृष्ण हो
राधा सा प्यार हो
प्यारमय संसार हो !!
प्रतिभा प्रसाद |
और यशोदा मईया की गोद
देवकी और वसुदेव का रुदन
बलराम कृष्ण और राधा-कृष्ण का प्रेम
कालिया दहन , कंस वध
सब कालचक्र की तरह चला
तुम्हारी मुट्ठी में बंद समय
हाथ में सुदर्शन चक्र
क्या अब के
आतंकवादियों को ख़त्म नहीं कर सकता ?
क्या दिल्ली और काशी को देख
तुम्हारा दिल नहीं दहलता ?
निकालो अपने तुणीर से कोई ऐसा बाण
जो कर सके
आतंकवादियों का काम तमाम
तुम तो होली में व्यस्त हो
होलिका को जलाकर
वंशी की धुन पर
राधा और गोपियों को मोहने में लगे हो
निकालो अपनी पिचकारी से
कोई ऐसे रंग
भेदभाव मिटाकर , कर दे
सबका एक जैसा मन
राग हो न द्वेष हो
रंगों की फुहार हो
गुलाल की बहार हो
सबके मन मैं कृष्ण हो
राधा सा प्यार हो
प्यारमय संसार हो !!
प्रतिभा प्रसाद |
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