जीवन को रंगीन बनाए

झूमकर निकले थे होली खूब मनाएंगे 
रंग पिचकारी दे देकर जीवन रंगीन बनायेंगे 
मन रंग देंगे तन रंग देंगे 
बसंत को भी खूब भजेंगे 
होलिका में हिरण्यकशिपु को जलाएंगे 
प्रहलाद को होली खूब खिलाएंगे |
बच्चे-बूढ़े सब गाएँगे |
मन रंग लेंगे , तन रंग लेंगे |
ढोल-मंजीरा बजा-बजाकर 
जन-जन को जगा-जगाकर 
रंग-गुलाल लगा-लगाकर होली खूब गाएँगे 
मुन्ना , गोलू ,अम्मा , भैया - सब ने 'गोला ' खाया है |
पुआ , पूरी के संग सबने प्यार खूब बरसाया है;
तुम भी आना हम भी आए
ऐसी होली बार-बार आए 
तुम्हें हँसाए, हमें हँसाए
रंग और गुलाल लगाए
सब मिलकर हम होली गाए
जीवन को रंगीन बनाए |
                                       प्रतिभा प्रसाद |

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