....... विश्वास......... प्रतिभा प्रसाद कुमकुम
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कब हां कहोगे कब ना कहोगे
एक निर्णय तो ले लो
विश्वास अधूरा खलता है
दोनों को ही छलता है
अब छोड़ चले हो साथी को
पर साया साथ तो चलता है
दोनों के रुह तो मिलतें हैं
आपस में कुछ कुछ कहतें हैं
जिस्म अलग हो जाने दो
रुहों को मिल जानें दो ।।
🌹 प्रतिभा प्रसाद कुमकुम जमशेदपुर
27.4.17.......
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कब हां कहोगे कब ना कहोगे
एक निर्णय तो ले लो
विश्वास अधूरा खलता है
दोनों को ही छलता है
अब छोड़ चले हो साथी को
पर साया साथ तो चलता है
दोनों के रुह तो मिलतें हैं
आपस में कुछ कुछ कहतें हैं
जिस्म अलग हो जाने दो
रुहों को मिल जानें दो ।।
🌹 प्रतिभा प्रसाद कुमकुम जमशेदपुर
27.4.17.......
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