Meri Kavitayen ( झंकार काव्य संग्रह )
Kavitayen from My book "JHANKAR (Kavya Sangrah)" (Hindi Poems)
Pages
व्यक्तित्व परिचय
कवितायेँ
अपनी बात
झंकार
Popular Posts
सच
तुमने आँखें फेर लीं
मुझे देखकर
मैं आशवस्त हुई
यह जानकार
की तुममें ताकत ही नहीं
सच की आंच को सहने की !
प्रतिभा प्रसाद |
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment